हैलो दोस्तों
kotwa dham चमत्कारों से भरा हुआ है यहाँ जो सच्चे दिल मनोकामना मांगता है वह जरूर पूरा होता है होता है
kotwa dham बाराबंकी में बहुत ही मशहूर मंदिर है इस मंदिर में बहुत बड़े उच्च कोटि के महान संत जगजीवन साहब की पूजा की जाती है
kotwa dham क्यों है इसने खास
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सरदहा गांव में यह मंदिर स्थित है जगजीवन साहब का जन्म 1670 में हुआ था जगजीवन साहब क्षत्रिय थे और बड़े शांत स्वाभाव के थे वे कीर्तन भजन और संतो के सम्मलेन में कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे जगजीवन साहब भगवन का भजन और साधु सन्तों कि सेवा को अपना धर्म समझते थे और खाली समय में गाय चराते थे
एक बार की बात है उन्हें रास्ते में दो संत मिले जिनके नाम बुल्ला साहब और गोविन्द साहब था उन्होंने जगजीवन साहब को चिलम के लिए आग लाने को कहा जगजीवन साहब ने सोचा संत लोग भूखे होंगे तो आग के साथ साथ 2 लोटा दूध भी ले गए बुल्ला साहब ने प्रसन्न होकर कहा की डरना नहीं जितना दूध लाये हो उतना दूध भर गया होगा जब जगजीवन साहब घर आये तो देखा कि सच में उतना ही दूध फिर से बर्तन में भर गया है वे बुल्ला साहब और गोविन्द साहब के पीछे दौड़ पड़े और घर संसार से नाता तोड़ जगजीवन साहब ने वैराग्य अपना लिया
kotwa dham के जगजीवन साहब ने किया वैराग्य
जगजीवन साहब ने बुल्ला साहब के चरणों में अपने को समर्पित करके कहा की , संसार के बंधनो से मुक्त करके मेरा उद्धार करिये
तब बुल्ला साहब कहा की तुम पूर्वजन्म के पहुंचे हुए महात्मा हो यही याद दिलाने हम यहाँ आये हुए थे और तुम्हे अब जनसेवा करनी है और बुल्ला साहब ने दीक्षा दी
फिर जगजीवन दास आठो पहर भगवान का चिंतन करने लगे
ज्ञान प्राप्ति के बाद जगजीवन साहब के प्रमुख बिचार -भगवततत्व और गुरुतत्त्व में कोई अंतर नहीं है जगजीवन साहब कहते है की हे मन इस जगत में जन्म लेकर जिन्होंने हरिनाम का स्मरण नहीं किया उन्होंने अपना काम बिगाड़ लिया
जगजीवन साहब ने गुरु महिमा को बड़ा महत्त्व दिया है https://youtube.com/@maheshksolution
kotwa dham के जगह का कैसा है नजारा
kotwa dham में जगजीवन साहब का बहुत बड़ा मंदिर बना हुआ है लोग यहाँ दूर दूर से दर्शन के लिए आते रहते है दर्शन करने के लिए आपको पहले प्रसाद खरीदना पड़ता है यहाँ पर के लगभग एक एकड़ में तालाब भी है जो बहुत ही पवित्र है प्रसाद को मंदिर के पुजारी को देकर चढ़वा देते है और प्रसाद में भभूत को पुजारी डाल देते है
यहाँ मंदिर परिसर में बहुत बड़ा मेला साल के 12 महीने लगता रहता है जहा आप खिलौने बर्तन कपडे और मिठाई आदि खरीद सकते है वह के तालाब का पानी आप भर कर घर ला सकते है जो बहुत ही पवित्र होता है https://youtube.com/@maheshksolution
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