bhoot ki kahani
bhoot ki kahani हैलो दोस्तों

आज मै आपको एक बहुत ही अच्छी कहानी सुनाऊंगा जो हमारे पिताजी के मामा सुनाया करते थे वो जब कहानी सुनाते थे तो 30 35 लोग ऐसे ही बैठकर सुनकर आनंद लेते थे

bhoot ki kahani एक गांव में एक बहुत ही गरीब आदमी रहता था जिसका नाम लोटन था एक बार वह खेत से काम करके घर आया और भोजन कर रहा था तभी एक चुहिया थी जो बार बार घर के अंदर बाहर हो रही थी लोटन को गुस्सा आ गया और वो पास में रखी हासिये को चुहिया के तरफ फेक दिया हसिया लगते ही चुहिया का पेट फट गया चुहिया गर्भवती थी और उसके गर्भ में 6 बच्चे भी थे सब मर गए चुहिया और उसके बच्चे मिलकर 7 हो गए उसने हल्ला मचाना चालू कर दिया की मैंने एक निशाने से 7 शिकार कर दिए

धीरे धीरे यह बात पुरे गांव में फ़ैल गयी लोगो ने उसका नाम सातमार खां रख दिया क्यों की उसने एक निशाने से 7 शिकार किया था यह बात वहा के राजा को पता चली उसने उसको बुलाया और अपने यहाँ नौकरी पर रख लिया वक्त बिता फिर गांव में एक मुसीबत आई गांव में एक शेर ने हमला कर दिया शेर ने गांव के कई गायो को खा गया और कई गांव के लोगो को मार डाला लोगो ने इसकी शिकायत राजा से की राजा ने सोचा की सबसे बहादुर तो सातमार खां है जो एक निशाने से 7 लोगो को मर सकता है तो शेर क्या चीज है

राजा ने सातमार खां को आदेश दिया को शेर को मारकर गांव वालो को बचाये राजा को क्या पता की वो तो बस नाम का ही सातमार खां है सातमार खां बेचारा डरा सहमा घर से तलवार लेकर निकला और डर के मारे एक तरकुल के पेड़ पर चढ़ गया ये सोचकर की कोई उसे ढूढ़ न पाए बेचारे की किस्मत ही ख़राब थी शेर शिकार के बाद उसी पेड़ के निचे आराम करने लगा जब सातमार खां ने निचे देखा तो डर के मारे उसके हाथ से उसका तलवार छूट गया और शेर के मुँह में गिर गया शेर वही ढेर हो गया फिर जब देखा की शेर मर गया तो निचे उतरा

राजा बहुत खुस हुआ उसने सातमार खां को बहुत सारा सोना दिया और उसकी पुरे गांव में खूब प्रसंसा हुई फिर वक्त बीतता गया एक बार पडोसी मुल्क के एक दुश्मन ने राज्य के ऊपर हमला कर दिया राजा को अपने राज्य की बहुत ही ज्यादा चिंता होने लगी राजा युद्ध की तयारी करने लगे राजा ने सातमार खां को बुलाया और युद्ध को चलने के लिए कहा सातमार खां बेहद डर गया उस बार तो गलती से तलवार छूटने की वजह से शेर मरा था लेकिन अब क्या होगा सातमार खां तो तलवार भी चलाने नहीं आती थी वह अपने घर में छुप गया

जब सभी युद्ध को चले गए तो राजा ने देखा की अभी भी सातमार घर में है उन्होंने पूछा को वो युद्ध लड़ने क्यों नहीं गया सातमार खां ने कहा हुजूर में तयारी कर रहा था राजा ने कहा जाओ अस्तबल से एक घोडा ले लो और जल्दी जाओ सातमार खां बेहद डरा हुआ अस्तबल में गया वह अच्छे अच्छे नस्ल के बहुत सरे घोड़े थे वही एक कोने में एक लंगड़ा घोडा भी खड़ा था सातमार खां सोचा की लंगड़े घोड़े से जबतक जाऊंगा तबतक युद्ध ख़त्म हो गया होगा यह सोचकर जब सातमार खां घोड़े पर बैठा तो राजा बहुत खुश हो गया क्यों की वह साधारण घोडा नहीं बल्कि उड़ने वाला घोडा था इतने बड़े बड़े सेनापतिओ ने उस घोड़े को पहचान ही न पाए और सातमार खां पहचान गया

ज्यू ही सातमार खां ने घोड़े को आदेश देने के लिए लगाम खींचा घोडा आसमान में उड़ गया सातमार खां बेहद डर गया वह जितना ही लगाम खींचता वह घोडा उतना ही तेज उड़ रहा था वह घोडा को रोकने के लिए रास्ते में पड़ने वाले पेड़ो को पकड़ता था तो पेड़ भी उखड़ जाता था अभी राजा की सेना रास्ते में थी वह उनसे पहले ही पहुंच गया और और उड़ते हुए हाथ में लिए हुए पेड़ो को दुश्मन देश के लोगो को रौंदने लगा और डर के मारे उसके मुँह से निकल रहा था की, गिरी त माटी गिल्ली रे ,,

लेकिन दुसमन देश से सैनिक को सुनाई पड़ रहा था की ,, घेर के मारी दिल्ली रे ,, वो बेहद डर गए और भागने लगे सातमार खां ने अकेले ही पुरे दुश्मन को उड़ते हुए ही रौंद डाला और दुश्मनो को भगा दिया यहाँ उनके राजा की सेना अभी रास्ते में ही थी

सातमार खां ने राजा से सैनिको को वापस बुलाने को कहा राजा बहुत खुश हुए उसने उसे खूब सारा सोना और जागीर दी सातमार खां बहुत खुश हुआ

bhoot ki kahani का निष्कर्ष

इस कहानी से यही निष्कर्ष निकालता है की बहादुरी हमेसा ताकत दिखाने से नहीं होता है अगर किस्मत साथ दे तो डरपोक भी बहादुरी की संज्ञा ले सकता है सातमार की किस्मत ने ही उसको महान बनाया वरना वो तो बेहद डरपोक था

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