how to analyse trading charts : ( ट्रेडिंग चार्ट्स का विश्लेषण कैसे करें? )

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सही निर्णय लेना बेहद महत्वपूर्ण होता है, और इसके लिए हमें ट्रेडिंग चार्ट्स का विश्लेषण करना आना चाहिए। ट्रेडिंग चार्ट्स की मदद से हम यह समझ सकते हैं कि किसी विशेष स्टॉक की कीमत किस दिशा में जा सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि ट्रेडिंग चार्ट्स का विश्लेषण कैसे किया जाता है और कौन से महत्वपूर्ण संकेतक होते हैं, जिनसे हमें सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।

how to analyse trading charts :- ट्रेडिंग चार्ट्स क्या हैं?

ट्रेडिंग चार्ट्स वह ग्राफ होते हैं जिनमें किसी स्टॉक, मुद्रा या अन्य वित्तीय उपकरण की कीमतों का इतिहास दिखाया जाता है। यह चार्ट्स समय के साथ कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव को दर्शाते हैं। इन चार्ट्स का उपयोग निवेशक और व्यापारी यह पता लगाने के लिए करते हैं कि कीमतें किस दिशा में जा सकती हैं।

how to analyse trading charts :- प्रमुख प्रकार के चार्ट्स

  1. लाइन चार्ट: यह सबसे साधारण प्रकार का चार्ट होता है, जिसमें केवल एक लाइन के माध्यम से किसी स्टॉक की समापन कीमत को दर्शाया जाता है। यह चार्ट उतार-चढ़ाव को दर्शाने के लिए उपयोगी होता है, लेकिन इसमें अधिक जानकारी नहीं होती है।
  2. कैंडलस्टिक चार्ट: यह चार्ट अधिक लोकप्रिय और विस्तृत होता है। इसमें हर बार की ट्रेडिंग गतिविधि को कैंडल्स (माचिस की तीली जैसी आकृतियां) के रूप में दिखाया जाता है। प्रत्येक कैंडलस्टिक चार्ट में चार मुख्य मूल्य होते हैं: ओपन (खुलने की कीमत), क्लोज (बंद होने की कीमत), हाई (उच्चतम कीमत) और लो (न्यूनतम कीमत)।
  3. बार चार्ट: इस चार्ट में भी कैंडलस्टिक की तरह ही चार मुख्य मूल्य होते हैं, लेकिन यह एक बार के रूप में दिखाए जाते हैं। कैंडलस्टिक चार्ट की तुलना में बार चार्ट का रूप थोड़ा अलग होता है।

how to analyse trading charts :- चार्ट के प्रमुख तत्व

  1. समय: चार्ट पर समय का निर्धारण महत्वपूर्ण होता है। समय का अंतराल (Timeframe) छोटी (जैसे 1 मिनट) या बड़ी (जैसे 1 महीना) हो सकता है। इससे यह तय होता है कि आप किस समय सीमा में कीमतों के उतार-चढ़ाव का अध्ययन कर रहे हैं।
  2. कीमतें: चार्ट पर दिखने वाली मूल्य रेखा यह दर्शाती है कि स्टॉक की कीमत किस दिशा में जा रही है। यदि कीमत ऊपर जा रही है, तो इसका मतलब है कि खरीदी हो रही है, और यदि कीमत नीचे जा रही है, तो यह बिक्री की स्थिति को दर्शाता है।

how to analyse trading charts :- ट्रेडिंग चार्ट का विश्लेषण करने के तरीके

  1. ट्रेंड का पहचानना: किसी भी स्टॉक का सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण पहलू है उसका ट्रेंड (प्रवृत्ति)। यह ट्रेंड बताता है कि शेयर की कीमत ऊपर जा रही है (बुलिश ट्रेंड) या नीचे जा रही है (बियरेश ट्रेंड)।
    • बुलिश ट्रेंड: जब शेयर की कीमत लगातार ऊपर की दिशा में जा रही होती है, तो इसे बुलिश ट्रेंड कहा जाता है।
    • बियरेश ट्रेंड: जब कीमतें लगातार नीचे जा रही होती हैं, तो इसे बियरेश ट्रेंड कहा जाता है।
  2. समर्थन और प्रतिरोध स्तर (Support and Resistance):
    • समर्थन: यह वह स्तर होता है जहां कीमत गिरने के बाद फिर से ऊपर उठने लगती है। यह एक प्रकार का निचला बाउंड होता है।
    • प्रतिरोध: यह वह स्तर होता है जहां कीमत ऊपर बढ़ने के बाद फिर से गिरने लगती है। यह एक ऊपरी बाउंड होता है।
  3. वॉल्यूम का विश्लेषण: वॉल्यूम (Volume) उस ट्रेडिंग गतिविधि को दर्शाता है, जो किसी विशेष स्टॉक पर हो रही है। यदि किसी स्टॉक में वॉल्यूम ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि वहां ज्यादा खरीदी-बिक्री हो रही है। वॉल्यूम का विश्लेषण करने से आपको यह समझने में मदद मिल सकती है कि एक ट्रेंड मजबूत है या नहीं।
  4. कैंडलस्टिक पैटर्न्स: कैंडलस्टिक चार्ट में विभिन्न पैटर्न्स होते हैं, जो भविष्य की कीमतों के रुझान को संकेत करते हैं। कुछ प्रमुख कैंडलस्टिक पैटर्न्स में शामिल हैं:
    • हैमर (Hammer): यह पैटर्न एक संभावित बुलिश ट्रेंड को दर्शाता है।
    • इंवर्टेड हैमर (Inverted Hammer): यह भी एक बुलिश संकेत हो सकता है।
    • एंगुल्फिंग पैटर्न (Engulfing Pattern): यह पैटर्न संभावित बदलाव को दिखाता है, खासकर ट्रेंड के उलटने का।
  5. मूविंग एवरेज (Moving Averages): यह एक तकनीकी संकेतक है जो कीमतों के औसत मूल्य को समय के साथ प्रदर्शित करता है। सबसे सामान्य प्रकार की मूविंग एवरेज में 50-दिन और 200-दिन की मूविंग एवरेज होती है। यदि शॉर्ट-टर्म मूविंग एवरेज लॉन्ग-टर्म मूविंग एवरेज को क्रॉस करती है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि ट्रेंड बदलने वाला है।

निष्कर्ष

ट्रेडिंग चार्ट्स का विश्लेषण एक कला है, और इसमें समय लगता है। यदि आप इसे सही तरीके से समझें, तो आप शेयर बाजार में बेहतर निर्णय ले सकते हैं। विभिन्न चार्ट्स, ट्रेंड्स, वॉल्यूम और तकनीकी संकेतकों का उपयोग करके आप मार्केट को सही तरीके से समझ सकते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए कि चार्ट्स से प्राप्त जानकारी 100% सही नहीं होती, इसलिए हमेशा रिस्क को ध्यान में रखते हुए निवेश करें।

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