parijaat tree |
बाराबंकी सहर से 39 किमी दूर किन्तुर गांव में स्थित है दूर दूर से लोग इस पेड़ के दर्शन के लिए आते है धार्मिक दृष्टि से बहुत पवित्र पेड़ है इसपे लोग मन्नते भी मांगते हैऔर और पूजा पाठ भी करते है
parijaat tree का महत्त्व
भारत हमेशा से ही चमत्कारों का देश कहा जाता है यह पुरे बिश्व में मात्रा एक ही है इसके बीज का न तो नया पेड़ उगाया जा सकता है और न ही इसके टहनियों से कलम किया जा सकता है यह पेड़ 5000 साल से पुरानी है
कहा जाता है अज्ञातवास के समय माता कुंती ने पांडवो के साथ कुछ समय यही बिताया था इसलिए इस गांव जहा यह स्थित है इसका नाम किन्तुर है
इस पेड़ से निकलने वाले फूलो की तुलना सोने से की जाती है क्यों की इसके फूल सूखने के बाद सुनहले कलर के हो जाते है
parijaat tree की मान्यता यह भी की द्वापर में भगवन कृष्ण और पांडव माता कुंती ने इसके पुष्पों से पूजा किया है parijaat tree के पुष्पों की मान्यता सोने के सामान है उस पूजा में सोने के पुष्प चाहिए था parijaat tree को भगवान कृष्ण और अर्जुन ने इन्द्र के नंदन कानन वन जाकर वहा से लाये थे
धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है की यह केवल स्वर्ग में होता है और जो इस बृक्ष के निचे मनोकामना करता है वो जरूर पूरा होता है
parijaat tree का आकार
parijaat tree के पेड़ की गोलाई लगभग 50 फुट और उचाई 45 फुट है https://www.youtube.com/watch?v=mNxgrguMFbk
कुछ मान्यताओं में यह भी कहा जाता है की अर्जुन इस पेड़ को स्वर्ग से लाये थे और माता कुन्ती इसके पुष्पों से शिव की पूजा करती थी
वनस्पति शास्त्री के अनुसार यह एक यूनिसेक्स मेन वृक्ष है ऐसा कोई पेड़ कही और कही नहीं मिला है इसकी सखाये टूटती और सूखती नहीं है बल्कि पुरानी हो जाने के बाद सिकुड़ते हुए मुख्य तने में ही गायब हो जाती है
यहाँ पर सरकार ने बहुत ही सुन्दर पार्क बना रखा है जिसमे दार्शनिक घूम सकते है अगर आपको यहाँ जाना है तो बाराबंकी जिले से 39 किमी दूर पड़ता है यहाँ आपको रामनगर आना पड़ेगा वह से आप बस कर सकते है बस से लगभग 15 किमी यात्रा करने के बाद आप किन्तुर गांव में पहुंच जायेंगे जहा पर parijaat tree स्थित है https://www.youtube.com/watch?v=mNxgrguMFbk
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