rabindranath tagore biography |
बच्चे को सजाकर महंगे कपड़ो से
बना दिया तुमने उसे राजकुमार
उसके गले में डाल दी जंजीरे
जिन्हे कहते हो तुम मोती के हार
इन कपड़ो ने बिगाड़ा उसका खेल
कही फटे ना , या मैले ना हो जाये
इस डर से वह रहता दूर सभी से
हिलने डुलने से भी वह घबराये
माँ यह सजधज की बन्दिस क्यों
जो रोके किसी को धूल में नहाने को
साधारण जीवन के महान मेले में
जो उसे खुसिया मानाने से
रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म (rabindranath tagore biography)
और बाकि जन गन मन के बारे में तो पूरा देश ही जनता है 7 मई 1861 को rabindranath tagore का जन्म एक बहुत बड़े आर्टिस्ट के घर में हुआ था यानि उनके घर के सभी सदस्य कुछ न कुछ जानते है जैसे कोई क्लासिकल म्यूजिशियन कोई पोएट कोई प्ले राइटर या तो कोई फिलॉस्फर था इसी वजह से सभी लोग काफी पढ़े लिखे और काफी महान लोग थे
रविंद्र नाथ टैगोर के पिता का नाम देवेंद्र नाथ टैगोर और उनकी माँ का नाम सारदा देवी था rabindranath tagore जिस परिवार में पैदा हुए थे वो काफी बड़ा परिवार था रविंद्र नाथ रैगोरे अपने भाई बहनो में चौदहवे नंबर पर थे इसी वजह से उनके वहा बहुत ढेर सारे नौकर चाकर भी काम किया करते थे(rabindranath tagore biography)
रविंद्र नाथ टैगोर के बड़े भाई का नाम द्विजेन्द्रनाथ टैगोर था द्विजेन्द्रनाथ टैगोर एक फिलॉस्फर और एक कवी थे उनके एक और बड़े भाई थे जिनका नाम सतेंद्रनाथ टैगोर था सतेंद्रनाथ टैगोर एक ऐसे पहले इंडियन थी जिनको की यूरोपियन इंडियन सिविल सर्विस के लिए पहली बार चुना गया था और उनके एक और बड़े भाई थे ज्योतिन्द्रनाथ टैगोर था और ज्योतिन्द्रनाथ टैगोर एक म्यूजिशियन राइटर और कंपोजर थे (rabindranath tagore biography)
रविन्द्र नाथ टैगोर की एक बहन थी जिनका नाम स्वर्नकुमारी था और स्वर्णकुमारी एक काफी फेमस नॉवेलिस्ट थी
पहला एसियन नोबेल पुरस्कार (rabindranath tagore biography)
रविंद्रनाथ टैगोर पहले एसियन थे जिन्होंने नोबल पुरस्कार जीता था rabindranath tagore एक लाजवाब पोएट थे रविंद्रनाथ जी म्यूजिक को कम्पोज करते थे उन्होंने 2200 से अधिक गाने लिखे थे इसके आलावा पेंटिंग करते थे 2300 से ज्यादा रविंद्रनाथ के आर्ट वर्क है इसके अलावा रविन्दरनाथ एक बहुत बड़े ट्रैवलर थे अपने ज़माने में 34 कंट्री ट्रेवल की थी (rabindranath tagore biography)
इसके आलावा इंडियन इंडिपेंडेंस मूवमेंट में कंट्रीब्यूशन का बहुत बड़ा योगदान रविंद्रनाथ जी का था
रविंद्रनाथ जी एक ब्राह्मण थे ये इतने अमित थे की इनकी फॅमिली को लोग ठाकुर कहते थे लेकिन अंग्रेज इनके नाम को सही से बोल नहीं पाते थे इसलिए अंग्रेजो ने इन्हे टैगोर कहना प्रारम्भ कर दिया
इतने भाई बहन थे रविंद्रनाथ टैगोर
रविंद्रनाथ के दादाजी द्वारकानाथ टैगोर एक बहुत बड़े उद्योगपति थे उनके बहुत सारे बिजनेस थे बैंकिगं इन्सुरेंस कोलमाईन सिल्क जैसी चीजों में आदि , ये राजाराम के बहुत अच्छे दोस्त थे और ब्रम्ह समाज से भी जुड़े हुए थे इनके रविंद्रनाथ टैगोर के पिता देवेन्द्रनाथ टैगोर थे देवेन्द्रनाथ के चौदह बच्चे हुए जिनमे आखरी बच्चे रविंद्र नाथ टैगोर थे रविंद्रनाथ का जन्म 1861 को हुआ था
इनकी माता अक्सर बीमार रहती थी इसलिए इनकी पालन घर की नौकरानी ने किया था रविन्दरनाथ जी स्कुल में मन नहीं लगता था इन्हे टीचर से बड़ी मार पड़ती थी इन्होने पढाई पूरी होने से पहले ही स्कुल छोड़ दिया था
रविंद्रनाथ टैगोर के भाई हेमेन्द्रनाथ ने इन्हे घर पर ही बिज्ञान गणित के साथ जुडो , तैराकी ,दौड़ ,आदि भी सिखाई और बहुत बड़े म्यूजिशियन जदुनात भट्टाचार्य भी इन्हे सीखाने आते थे
1864 में रविंद्रनाथ के भाई सतेंद्रनाथ टैगोर ने इंडिया में सबसे पहले ics की परीक्षा उत्तीर्ण की
1878 में रविंद्रनाथ अपने भाई और उनकी फॅमिली के साथ इंग्लैंड पढाई करने के लिए चले गए इन्होने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से लॉ की पढाई पूरी की क्यों की इनके पिता चाहते थे की बड़े होकर रविंद्रनाथ के लॉयर बने लेकिन इनका खुद इसमें मन नहीं था तो ये खुद कॉलेज से ड्रॉपआउट हो गए
इन्होने लिखना काफी काम उम्र से सुरु कर दिया था इन्होने 13 साल की उम्र में पहली बार पोएम लिखी थी रविंद्रनाथ ने गाने भी लिखना स्टार्ट कर दिया और इनके गानो के सबसे बड़े फैन स्वामी विवेकानंद थे (rabindranath tagore biography)
रविंद्रनाथ ने कहानियो को भी काफी छोटी उम्र से लिखनी सुरु कर दी थी इनकी बहुत ही फेमस स्टोरी काबुलीवाला है लेकिन उपन्यास इन्होने काफी बाद में लिखना सुरु किया था इन्होने पहली नावेल २२ साल की उम्र में लिखा था
रविंद्रनाथ ने कविताओं का एक संग्रह को गीतांजलि नामक पुस्तक में लिखी इनकी कविताओं को इंग्लिश में ट्रांसलेट किया गया और यह यूरोप और अमेरिका में इतनी फेमस हुई की रराष्ट्रीयगान विंद्रनाथ जी एक तरह से स्टार बन गए और रवन्द्रनाथ जी अलग अलग कंट्री में जाने लगे और भाषण देने दे लिए इन्वाइट किया जाने लगा (rabindranath tagore biography)
रविंद्रनाथ जी की कविताये अधिकतर फ्रीडम यानि आजादी के आस पास लिखा करते थे
बांग्ला देश के लिए राष्ट्रीयगान
जब अंग्रेजो ने 1905 में अंग्रेजो ने बंगाल का पार्टिसन करा दिया था तब रविंद्रनाथ जी ने अमार सोनार बांग्ला लिखा था जो आज के समय बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान है रविंद्रनाथ जी ने न केवल इंडिया का राष्ट्रीयगान लिखा है बल्कि बांग्लादेश का भी राष्ट्रीय गान लिखा है
इन्होने हिन्दू और मुस्लिम से रिक्वेस्ट भी किया था की राखी के दिन आपस में राखी बांधना एकता का बढ़ाना है और इसी 1905 के लगभग इन्होने अपना मोस्ट फेवरेट कविता एकला चोरो रे लिखा था (rabindranath tagore biography)
जब रविंद्रनाथ जी ने भारत का जन गन मन लिखा तो 1911 में पहली बार कोलकाता के कांग्रेस सम्मलेन में गया गया
इसके बाद 1930 में रविंद्रनाथ जी पहले नॉन यूरोपियन बन गए जिन्होंने नोबल पुरस्कार जीता था इन्होने नोबल पुरस्कार साहित्त्य के क्षेत्र में जीता था
ब्रिटिश सरकार भी इन्हे काफी सम्मान के नजरो से देखती थी 1915 में ब्रिटिश सरकार ने इन्हे नाईटहुड ही उपाधि दी जो की काफी रिसपेक्ट की बात होती थी लेकिन सिर्फ चार साल बाद 1919 में जलियावाला बाग हत्याकांड में इन्होने अपना नाईट हुड की उपाधि को लौटा दिया था
रविंद्रनाथ और महात्मा गाँधी के ओपिनियन काफी हद तक मेल खाते है रविंद्र नाथ टैगोर का मानना था की पूरी दुनिया एक है हमें दूसरे देशो को दूसरे कल्चर को विना मतलब के हेट नहीं करना चाहिए दोनों एक दूसरे का सहयोग करते थे 1932 में जब गांधीजी फ़ास्ट पर बैठे थे रविंद्रनाथ जी वहा आये थे (rabindranath tagore biography)
रविन्दरनाथ नाथ ही जिन्होंने 1939 में सुभाषचंद्र बोस को देशनायक का टाइटल दिया था और इनके बारे में एक निबंध इनकी तारीफ करते हुए लिखा था
वास्तव में रविंद्र नाथ जी एक बहुमुखी प्रतिभा धनी व्यक्ति थे जो आज के समय में होना बहुत ही कठिन है
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