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tarkulha devi mandir तरकुलहा देवी मंदिर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित है यह गोरखपुर शहर से 25 किलोमीटर दूर यह पवित्र स्थान है माँ को प्रसन्न करने के लिए समय समय पर यंहा बकरो की बलि दी जाती है प्रत्येक चैत रामनवमी तथा नवरात्री में यहाँ भारी मेला लगता है माता के दर्शन हेतु प्रतिदिन अनेक भक्त दूर दूर से यहाँ आते है tarkulha devi mandir
इस मंदिर के पास ही बाबू बंधू सिंह की स्मारक है
इस मंदिर के साथ एक प्राचीन कथा जुडी हुई है बहुत समय पहले की बात है बंधू सिंह नामक एक क्रन्तिकारी माता की पिंडी बनाकर पूजा किया करते थे यह इतना घना जंगल था की दिन में भी कोई नहीं आता था आराधना करते करते माता ने इन्हे दर्शन दिया बंधू सिंह गुरिल्ला युद्धः में माहिर थे | जब अंग्रेज आते थे ये माता के सामने नरबलि दे देते थे tarkulha devi mandir
इस दिन हुआ बंधू सिंह की फांसी tarkulha devi mandir
एक दिन अंग्रेजो को उसके ठिकाने का पता चल गया ,उनका पता किसी ने मुखबिरी कर दी , और बंधू सिंह को गिरफ्तार कर गोरखपुर में ही निर्धारित तिथि 12 अगस्त 1957 को फांसी पर चढाने का निर्णय हुआ जब उन्हें फांसी पर चढ़ाया गया तो माता के आशीर्वाद से वो फंदा टूट गया अंग्रेजो ने दोबारा उसे फांसी पर लगाने की कोशिश की | पर इस बार भी माता ने उनकी सहायता की और ऐसा सात बार हुआ हर बार फांसी का फंदा टूट जाता था tarkulha devi mandir तरकुलहा देवी मंदिर
अंत में आठवे बार बंधू सिंह ने माता से प्रार्थना की हे माँ अब मुझे अपने पास बुला लो मै गुलामी का जीवन ब्यतीत करने से अच्छा मर जाना उचित समझता हु माँ मुझे अपने चरणों में स्थान दो इसके बाद बंधू सिंह को फांसी लग गयी उसी समय यहाँ के तरकुल के बृक्ष से खून की धारा बह निकली लोगो ने चकित होकर यह घटना देखि और फिर माता तरकुलहा देवी के नाम से प्रसिद्ध हो गयी tarkulha devi mandir तरकुलहा देवी मंदिर
tarkulha devi mandirइस घटना के बाद माँ तरकुलहा देवी का महातम्य दूर दराज तक फैला और धीरे धीरे मंदिर में भक्तो के आने वालो की संख्या लाखो तक पहुंच गयी तरकुलहा माई का यह दरबार अब हजारो लाखो श्रद्धालुओ की आस्था का कीर्ति बन चूका है इस मंदिर के महातम्य के बारे में लोग बताते है की मन से जो भी मुराद मांगी जाये वह जरूर पूरी होती है tarkulha devi mandir तरकुलहा देवी मंदिर
दूर दराज से आये भक्त माँ से मन्नते मांगते है मन्नते पूरी हो जाने पर यहाँ मंदिर पर घंटी बांधने की परंपरा है मंदिर परिसर में चारो और घंटिया देखने को मिल जाएँगी वर्ष पर्यन्त यहाँ आने वालो का ताता लगा रहता है नवरात्री में विशेष रूप से आस्थावान यहाँ आते है tarkulha devi mandir तरकुलहा देवी मंदिर
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